ADHURA LAFZ - 1 in Hindi Fiction Stories by Hiral Zala books and stories PDF | अधूरा लफ्ज़ - 1

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अधूरा लफ्ज़ - 1

कंपनी में हड़बड़ी मची हुई थी, अकाउंट को जमा करने के लिए केवल दो दिन शेष थे।

करण, साक्षी, राज, आकाश, देव और राधिका सभी काम में व्यस्त थे और उनके चेहरे पर चिंता थी।

ऊपर की मंजिल से संजय सर तेजी से फोन पर बात करते हुए नीचे आ रहे थे।
उनके चेहरे पर चिंता साफ देखी जा सकती थी।

उन्होंने करण से कहा, कहां है वो पायल????

मैं घंटों से उसका फोन लगाने की कोशिश कर रहा हूं और वह है की फोन ही नही उठा रही है।


सर वो हमारा फोन कब उठाती हैं राधिका ने मुस्कुराते हुए कहा

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दूसरी ओर, पायल सुबह का आनंद लेते हुए उठती हैं , तकिए से लड़ती और धूप से भीगती , अपनी आनंदमयी सुबह का मज़ा लेते हुए पायल फोन उठाती है।

एक मिनट- एक मिनट मैडम ने फोन उठाया
संजय सर : आप कहां हैं ?????

पायल: अरे साहब, रास्ते में हूँ, पहुँच ही रही हूँ।


संजय सर : कौनसे रास्ते पर बेडरूम से बाथरूम तक के ।

पायल: मैं पाँच मिनट में आ रही हूँ अलविदा...अलविदा...अलविदा..

संजय सर : अरे सुनो... मेरी बात सुनो..., रख दिया फोन मैडम ने

सर , अभी दो दिन हुए हैं, मुझे नहीं लगता कि हम काम पूरा कर पाएंगे! देव चिंतित हो जाता है और कहता है।

संजय सर : हम सब मिलकर करेंगे तो आराम से हो जाएगा।

और हाँ, बॉस कल आ रहा है, इसलिए सभी को 8 बजे उपस्थित होना है।

करण: ओह! नहीं सर हम आज देर तक काम करते-करते थक जाएंगे।

संजय सर: मैं जानता हूं लेकिन सर चाहते हैं कि सारा काम कल ही तैयार हो जाए.

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वहीं पायल अपने मस्ती भरी सुबह का लुत्फ उठाते हुए ऑफिस पहुंच जाती है।

राज: आओ..रानी साहेबा आ गई आप।

पायल: अब मुझे ताना देना बंद करो।

संजय सर: क्या समय हो गया है पायल ?

पायल: सॉरी..अब बताओ काम क्या है?

साक्षी: मैडम को टेबल पर सब कुछ तैयार चहिए 🤣

संजय सर : पायल कल फाइनल एकाउंट्स के रिपोर्ट जमा करवाने है।


पायल : हाँ लेकिन सर , सब ने ऐसा उतरा हुआ चेहरा क्यों बना रखा है "चिंता मत करो" सब कुछ हो जाएगा।

सर : आशा है की हो जाए ।

वक्त बीत जाता है और लंच का टाइम होता है , सभी चिंतित हो जाते हैं और पायल वहाँ आ जाती है।


पायल: ओह..कहां..अरे तुम सब चिंता मत करो , हमारे पास 8 घंटे बाकी हैं सब काम हो जाएगा।

करण: मुझे पता है लेकिन चिंता कल की है।

पायल: किस बात की चिंता है।

साक्षी: कल कंपनी के बॉस आ रहा है।

पायल: तो क ये शख्स कोन है जो मुझे रोज सुबह फोन करके परेशान करता है.🤣

देव: अरे संजय सर वडोदरा में हमारी कंपनी के प्रमुख हैं।

यह पूरी कंपनी जिनकी है वो कल आ रहे है।

पायल : हाँ..तो उसमे क्या बड़ी बात है।

राधिका : कल हम सब को 8 बजे आना है

करण : और तुरन्त आकर हिसाब-किताब की बैठक का सामना करो।

पायल: अरे...पर.....


संजय सर आते हैं और कहते हैं, लेकिन कुछ नहीं पायल, कल मिलते हैं 8 बजे ऑफिस में।

शाम 7:45 बजे

करण: हास.. आखिरकार काम हो गया।

आकाश: यार बहुत थक गया, कल क्या होगा।

पायल: चिंता मत करो दोस्तों, तुम इतने डरे हुए क्यों हो।


राधिका: तुम नहीं जानती क्योंकि तुमने बॉस को नहीं देखा है।


पायल : क्यों वो दुनिया का आठवां अजूबा है क्या ?
राज: नहीं! लेकिन वह बोहोत गुस्से वाले है। उनका गुस्सा और स्वभाव सभी से अलग है। उन्हें अपने काम के अलावा किसी और काम में कोई दिलचस्पी नहीं है। इसलिए वह आज इतना सफल आदमी है। मैं उससे बोहोत प्रभावित हूं।

देव: और राधिका से ???🤣🤣🤣🤣

राधिका: चुप रहो तुम लोग...🤣

( सब हंसने लगते हैं । )


( Next Day )
पायल की कार पंचर हो जाती है, दूसरी तरफ अनंत ऑफिस आता है, पायल और अनंत आमने-सामने आ जाते हैं।